Kuch din pehle ki likhi hui kavita jo 2013 Independence Day ke liye likhi thi..kahin kho gayi thi..aaj wapas mil jaane pe share kar rha hun..! Ye maine us samay ke time ke according likha tha jab Border per bahut tention hone ke baawjud apne PM ke taraf se koi nhi tough stand nhi lia gaya tha....!
तू कौन है ...?
````````````````
तू अपना ही है,
लेकिन तू भेदी है ..
फिर नेता कौन है ?
तु शहीद है,
लेकिन तू बलि है ..
फिर सिपाही कौन है ?
तू तिरंगा है,
लेकिन तू बाँटा हुआ है ..
फिर इकरंगा कौन है ?
तू इमानदार है,
लेकिन तू अँधा है ..
फिर क़ानून कौन है ?
तू पूज्य है,
लेकिन तू पत्थर है ..
फिर भगवान कौन है ?
तू स्वाधीन है,
लेकिन तू नौकर है ..
फिर आज़ाद कौन है ?
तू देश है,
लेकिन तू विभाजित है ..
फिर संयुक्त कौन है ?
Pic Courtesy : Google
तू कौन है ...?
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तू अपना ही है,
लेकिन तू भेदी है ..
फिर नेता कौन है ?
तु शहीद है,
लेकिन तू बलि है ..
फिर सिपाही कौन है ?
तू तिरंगा है,
लेकिन तू बाँटा हुआ है ..
फिर इकरंगा कौन है ?
तू इमानदार है,
लेकिन तू अँधा है ..
फिर क़ानून कौन है ?
तू पूज्य है,
लेकिन तू पत्थर है ..
फिर भगवान कौन है ?
तू स्वाधीन है,
लेकिन तू नौकर है ..
फिर आज़ाद कौन है ?
तू देश है,
लेकिन तू विभाजित है ..
फिर संयुक्त कौन है ?
Pic Courtesy : Google
Very nice....good use of words
ReplyDeleteThnq Shalini!
ReplyDeleteKya Baat hai Abhi......Thumps Up
ReplyDeleteThnq Zahid!
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