कारवाँ
Ek karwaan tha jo guzar gaya,
Mera hamsafar tanha guzar gaya..
Kaha tha usne intezaar ke liye,
Aur intezar bewaqt guzar gaya..
Mera hamsafar tanha guzar gaya..
Kaha tha usne intezaar ke liye,
Aur intezar bewaqt guzar gaya..
एक कारवाँ था जो गुज़र गया,
मेरा हमसफ़र तन्हा गुज़र गया..
कहा था उसने इंतज़ार के लिए,
और इंतज़ार बे-वक़्त गुज़र गया..
मेरा हमसफ़र तन्हा गुज़र गया..
कहा था उसने इंतज़ार के लिए,
और इंतज़ार बे-वक़्त गुज़र गया..
Kaha tha chalenge saath har pal,
Waqt ke bahane har ehsaas guzar gaya..
Ab har hulchal mein hai khaamoshi,
Bas us tanhai ka safar guzar gaya..
Waqt ke bahane har ehsaas guzar gaya..
Ab har hulchal mein hai khaamoshi,
Bas us tanhai ka safar guzar gaya..
कहा था चलेंगे साथ हर पल,
वक़्त के बहाने हर एहसास गुज़र गया..
अब हर हलचल में है खामोशी,
बस उस तन्हाई का सफ़र गुज़र गया..
वक़्त के बहाने हर एहसास गुज़र गया..
अब हर हलचल में है खामोशी,
बस उस तन्हाई का सफ़र गुज़र गया..
Chhoo kar guzarti hai teri khusbu,
Jaise teri yaadon ka mausam guzar gaya..
Ab ek karwaan nikla hai fir se,
Ya mai hi khada raha aur sara jahaan guzar gaya...!!
Jaise teri yaadon ka mausam guzar gaya..
Ab ek karwaan nikla hai fir se,
Ya mai hi khada raha aur sara jahaan guzar gaya...!!
छू कर गुज़रती है तेरी खुशबु,
जैसे तेरी यादों का मौसम गुज़र गया..
अब एक कारवाँ निकला है फिर से,
या मैं ही खड़ा रहा और सारा जहाँ गुज़र गया..!!
जैसे तेरी यादों का मौसम गुज़र गया..
अब एक कारवाँ निकला है फिर से,
या मैं ही खड़ा रहा और सारा जहाँ गुज़र गया..!!
©Abhilekh
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