The human desires are never ending and love is one such element which every living being urges for. The love crosses its boundaries and Sex is another such element which justifies the extremity of Love. But when it start losing its credibility and shapes up in negative form, the inhumanity comes into picture.
Today's society is facing such exploitation where love/sex image has been tarnished. Surprisingly the inhumanity has crept so deep that people are nowhere hesitant in crossing all limits. The fairer sex is no longer safe in anywhere in this world and the saddest part is when some people objects on the dressing instead of commending on the action.
What about a school going kid who gets sexually harassed by teacher or by some old age person.. ?
What about a wife's sexual exploitation by her own husband...?
A lot more can be discussed if we come forward..
Here's a poem by me on Sexual Harassment/Exploitation where I have tried to focus on all kinds of life and people who are affected...
Pls do give your inputs...
हुस्न कि चाहत आज कुछ इस क़दर हावी है,
हर कली बिन खिले बेदर्दी से मसली जाती है,
ग़र यह चाहत होती तो कोई और बात थी,
लेकिन वह तो हैवानियत की नीयत से रंगी जाती है।
सेवानिवृत्त की उम्र में जिस्म की कैसी लोलुपता है,
फूल सी मासूमियत को हवस के लिए कुचला जाता है,
अब सभ्यता और संस्कार इतनी ढोंगी हो गयी,
कि जिस्मानी भूख के लिए इंसानियत को बेचा जाता है।
अपना बनाने के आड़ में विवाह का नाटक होता रहा,
पत्नी बता कर न जाने उसपे कितना अत्याचार होता रहा,
बिस्तर कि तड़प इतनी मचलती है,
हर रात पति-पत्नी के रिश्तों का बलात्कार होता रहा।
शिक्षा और मिसाल देने का अधिकार मिला है समाज में,
गुरु बना कर ईश्वर से भी ऊँचा दर्जा मिला है समाज में,
फिर क्यूँ किया अपने ही शिष्यों से दुराचार,
क्या कच्ची उम्र का होना अभिशाप है इस समाज में।
कोई ज्ञान देने कि कोशिश नही कि है सिर्फ एक सच सामने लाने कि कोशिश की है, जिससे हमारा ही समाज आहत है। यह होता है हर कहीं बस जुबां खुलने में संकोच करती है जिससे दरिंदों का सर ऊँचा होता है और, उन्हें ऐसे कुकर्मों के लिए बढ़ावा मिल जाता है। लोग भी शोषित को दोष देते है लेकिन कानून उसका और बुरा हॉल कर देती है जब, ऐसे अराधियों को सख्त सज़ा नहीं दी जाती है। भूख कितनी विभित्स हो गयी है हैम सब भली भाँती जानते है इसलिए, अपने आस पास लोगों को नींद से जगाइए और एक बेहतर पड़ोस बनाएं, समाज अपने आप सुधर जायेगा।
बस इतनी ही प्रार्थना है....
Be Blessed & Be Happy..! :)
Pic Courtesy : Google
Today's society is facing such exploitation where love/sex image has been tarnished. Surprisingly the inhumanity has crept so deep that people are nowhere hesitant in crossing all limits. The fairer sex is no longer safe in anywhere in this world and the saddest part is when some people objects on the dressing instead of commending on the action.
What about a school going kid who gets sexually harassed by teacher or by some old age person.. ?
What about a wife's sexual exploitation by her own husband...?
A lot more can be discussed if we come forward..
Here's a poem by me on Sexual Harassment/Exploitation where I have tried to focus on all kinds of life and people who are affected...
Pls do give your inputs...
हुस्न कि चाहत आज कुछ इस क़दर हावी है,
हर कली बिन खिले बेदर्दी से मसली जाती है,
ग़र यह चाहत होती तो कोई और बात थी,
लेकिन वह तो हैवानियत की नीयत से रंगी जाती है।
सेवानिवृत्त की उम्र में जिस्म की कैसी लोलुपता है,
फूल सी मासूमियत को हवस के लिए कुचला जाता है,
अब सभ्यता और संस्कार इतनी ढोंगी हो गयी,
कि जिस्मानी भूख के लिए इंसानियत को बेचा जाता है।
अपना बनाने के आड़ में विवाह का नाटक होता रहा,
पत्नी बता कर न जाने उसपे कितना अत्याचार होता रहा,
बिस्तर कि तड़प इतनी मचलती है,
हर रात पति-पत्नी के रिश्तों का बलात्कार होता रहा।
शिक्षा और मिसाल देने का अधिकार मिला है समाज में,
गुरु बना कर ईश्वर से भी ऊँचा दर्जा मिला है समाज में,
फिर क्यूँ किया अपने ही शिष्यों से दुराचार,
क्या कच्ची उम्र का होना अभिशाप है इस समाज में।
कोई ज्ञान देने कि कोशिश नही कि है सिर्फ एक सच सामने लाने कि कोशिश की है, जिससे हमारा ही समाज आहत है। यह होता है हर कहीं बस जुबां खुलने में संकोच करती है जिससे दरिंदों का सर ऊँचा होता है और, उन्हें ऐसे कुकर्मों के लिए बढ़ावा मिल जाता है। लोग भी शोषित को दोष देते है लेकिन कानून उसका और बुरा हॉल कर देती है जब, ऐसे अराधियों को सख्त सज़ा नहीं दी जाती है। भूख कितनी विभित्स हो गयी है हैम सब भली भाँती जानते है इसलिए, अपने आस पास लोगों को नींद से जगाइए और एक बेहतर पड़ोस बनाएं, समाज अपने आप सुधर जायेगा।
बस इतनी ही प्रार्थना है....
Be Blessed & Be Happy..! :)
Pic Courtesy : Google