This has been written modifying the Original Qawaali Lyric "Humein To Loot Liya Milke Husn Walon Ne".
Since I don't see much Qawaali Lyric in movies, so I have tried to pen it as per my own thoughts and understanding. Hope you would find it interesting & entertaining.
निगाहें मिला के जब वो यूँ ही शरमाये
जवां दिलों में जैसे हलचल सी मच जाये
होठों पे उनके हलकी से हंसी जब आये
न जाने कितनो के जवां दिल बहक जाये
चेहरे पे गिरी लटों में से जब झांके
उस अंदाज़ पे कोई कैसे न फ़िदा हो जाये
फिर उसी लटों को चेहरे से हटाये खुद ही
बिना कहे इठला के चल देंगे बस यूँ ही
खुदा बचाए ऐसे आलम से ...
के कई दिल लुट गए ऐसे नजारों में ...
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने।।
खनकाते हैं अपनी चूडियो को बस यूँही
ताकि नज़र मिलाने को तरसे बस हम ही
फिर अपनी गेसुओं को को खुद ही सुलझाये
ये देख के कोई आशिक कैसे काबू पाए
जो पास जाके कह दे हम हाल दिल का
वो ताउम्र ले लेंगे जवाब सोचने का
पूछती रहेंगी अपनी तारीफ़ के किस्से
जो न बोलो तो रूठ जाएँ फिर तुमसे
खुदा बचाए ऐसे आलम से ...
के कई दिल लुट गए ऐसे नजारों में ...
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने।।
हुस्न की पैरवी वो ही खुद करते
और इश्क को अपनी क़दमों में ही रखते
जो कह दो के जान हाज़िर है
कह देंगे आज आसमान पाने की ख्वाहिश है
आशिकों का कारवां उन्हें बड़ा पसंद होता
हर तारीफ़ पे उनका नया अंदाज़ होता
न इकरार न तो इज़हार इनका है मिलता
बस आशिकों को बेवजह इनकार है मिलता
खुदा बचाए ऐसे आलम से ...
के कई दिल लुट गए ऐसे नजारों में ...
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने।।
Since I don't see much Qawaali Lyric in movies, so I have tried to pen it as per my own thoughts and understanding. Hope you would find it interesting & entertaining.
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने .. काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने ....
कुछ अपने अंदाज़ में, कुछ अपने अलफ़ाज़ में ...
पेश-ए-खिदमत है :
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने
पेश-ए-खिदमत है :
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने
निगाहें मिला के जब वो यूँ ही शरमाये
जवां दिलों में जैसे हलचल सी मच जाये
होठों पे उनके हलकी से हंसी जब आये
न जाने कितनो के जवां दिल बहक जाये
चेहरे पे गिरी लटों में से जब झांके
उस अंदाज़ पे कोई कैसे न फ़िदा हो जाये
फिर उसी लटों को चेहरे से हटाये खुद ही
बिना कहे इठला के चल देंगे बस यूँ ही
खुदा बचाए ऐसे आलम से ...
के कई दिल लुट गए ऐसे नजारों में ...
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने।।
खनकाते हैं अपनी चूडियो को बस यूँही
ताकि नज़र मिलाने को तरसे बस हम ही
फिर अपनी गेसुओं को को खुद ही सुलझाये
ये देख के कोई आशिक कैसे काबू पाए
जो पास जाके कह दे हम हाल दिल का
वो ताउम्र ले लेंगे जवाब सोचने का
पूछती रहेंगी अपनी तारीफ़ के किस्से
जो न बोलो तो रूठ जाएँ फिर तुमसे
खुदा बचाए ऐसे आलम से ...
के कई दिल लुट गए ऐसे नजारों में ...
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने।।
हुस्न की पैरवी वो ही खुद करते
और इश्क को अपनी क़दमों में ही रखते
जो कह दो के जान हाज़िर है
कह देंगे आज आसमान पाने की ख्वाहिश है
आशिकों का कारवां उन्हें बड़ा पसंद होता
हर तारीफ़ पे उनका नया अंदाज़ होता
न इकरार न तो इज़हार इनका है मिलता
बस आशिकों को बेवजह इनकार है मिलता
खुदा बचाए ऐसे आलम से ...
के कई दिल लुट गए ऐसे नजारों में ...
हमें तो लुट लिया मिलके हुस्न वालों ने
काले काले बालों ने गोरे गोरे गालों ने।।
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